छत्तीसगढ़ के मछली पालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल किसानों को खेती के साथ-साथ मछली,झींगा उत्पादन करने के लिए प्रेरित करते हैं ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके।किसान खेती करने के साथ-साथ मछली तथा झींगा उत्पादन का काम भी आसानी से कर सकते हैं। राज्य सरकार के विभागीय सहयोग से प्रदेश के हजारों किसान मछली झींगा का आधुनिक विधियों से पालन रहे हैं। मत्स्य विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसका लाभ लेकर हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसे ही विकासखण्ड जगदलपुर के ग्राम उपनपाल के लघु सीमान्त कृषक अपने पास उपलब्ध खेती में धान की उपज लेकर जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। अपनी आजीविका को चलाने के लिए ग्रामीणों ने जब समूह बनाया और मछली पालन शुरू किया तब जैसे उनकी जिंदगी ही बदल गई। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 10 अदिवासी महिलाओं का समूह बनाकर विश्वा महिला स्व सहायता समूह मारकेल का गठन किया गया। समूह के सदस्यों द्वारा स्वयं के पास उपलब्ध भूमि में खेती-किसानी करते थे, किन्तु धान की खेती में उन्हें अत्यधिक मेहनत एवं मजदूरों की कमी के कारण बहुत परेशानियां होती थी तथा प्रति एकड़ 15-20 क्विंटल धान का उत्पादन करते थे, इस उत्पादन से वे संतुष्ट नहीं थे। मछली पालन मंत्री के निर्देश पर मत्स्य विभाग के द्वारा योजनाओं के प्रचार-प्रसार अन्तर्गत मछली पालन से संबंधित जानकारी उन तक पहुंची जिससे वे प्रभावित होकर अपनी आर्थिक तंगी के समाधान के लिए ग्राम पंचायत में उपलब्ध 0.58 हेक्टेयर मोढ़ा तालाब को पट्टे पर लेकर मछली पालन का कार्य करने लगे।
मछली पालन समूह के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर ने बताया कि विभागीय योजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत मत्स्य बीज, परिपूरक आहार, सिफेक्स, मत्स्याखेट उपकरण एवं आईसबाक्स प्रदाय कर उन्हें संसाधनांे से पूर्ण किया गया तथा विभाग द्वारा समय-समय पर आयोजित किये जाने वाले मछुआ प्रषिक्षण कार्यक्रम एवं तकनीकी उन्नयन प्रषिक्षण प्रदाय कर उन्हें मछली पालन की तकनीकी जानकारियां प्रदान किया गया। अब समूह द्वारा तकनीक का उपयोग कर मछली पालन किया जा रहा है जिससे समूह के सदस्यों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगा। समूह द्वारा विगत तीन वर्षों से मछली पालन, विभागीय झींगा पालन एवं उत्पादन का कार्य किया जा रहा है जिससे समूह के सदस्यों को अच्छी आमदनी हो रही है। समूह के सभी सदस्य मछली पालन एवं विभागीय झींगा पालन योजना से लाभ लेकर आय में उत्तरोतर वृद्धि कर रहें है। विष्वा महिला स्व सहायता समूह के महिलाओं ने बताया कि मछली पालन से प्राप्त आय से अपने घरेलु उपयोग की वस्तुओं का क्रय किया गया, मकानों की मरम्मत की गयी तथा कुछ सदस्यों द्वारा पक्का मकान भी बनवाया गया है और कुछ सदस्यों द्वारा आवष्यकता अनुसार सायकल, मोटर सायकल क्रय करने के साथ ही अपने बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने स्कूल भी भेजा जा रहा है।